मोदी के वेलकम में 4 मिनट तक बजी ताली, ऑटोग्राफ के लिए होड़:ModiInUs

वॉशिंगटन. यूएस कांग्रेस के ज्वाइंट सेशन करीब साढ़े चार मिनट तक मेम्बर्स ने खड़े होकर ताली बजाकर नरेंद्र मोदी का वेलकम किया।

पंडित नेहरू, राजीव गांधी, नरसिम्हा राव, अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह के बाद मोदी अमेरिकी संसद में स्पीच देने वाले 6th पीएम हैं। पिछली बार 2005 में मनमोहन यहां आए थे। वहीं, 1949 में पहली बार पंडित नेहरू ने यहां स्पीच दी थी।

मोदी को हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के स्पीकर पॉल रेयान ने इन्वाइट किया था। 48 मिनट का मोदी मैजिक, कितनी बार लोगों ने बजाई तालियां..

  • 48 मिनट की स्पीच के दौरान करीब नौ बार लोग मोदी के सम्मान में खड़े हुए जबकि 30 बार तालियां बजाई गईं।
  • मोदी ने अपनी स्पीच में चुटकी भी ली, जिसपर करीब तीन बार यूएस कांग्रेस के भीतर ठहाके भी लगे।
  • स्पीच के बाद मोदी ने वहां मौजूद लोगों से मुलाक़ात भी की। वे खुद लोगों के बीच गए और उनसे हाथ मिलाया।
  • पीएम की स्पीच के बाद उनका ऑटोग्राफ लेने की भी होड़ दिखी। कांग्रेस में मौजूद कई लोगों ने ऑटोग्राफ लिए।
  • स्पीच के बाद मोदी यूएस कांग्रेस से बाहर निकले और सिक्युरिटी घेरे को तोड़कर वहां मौजूद इंडियन कम्युनिटी से मिलने भी पहुंचे।
  • हालांकि, अमेरिकी कांग्रेस का एक सुरक्षा घेरा उनके साथ मौजूद था। लोग मोदी की एक झलक पाने के लिए क्रेजी हुए जा रहे थे।
  • बता दें कि स्पीच से पहले रेयान ने उन्हें खुद रिसीव किया। करीब 07.50 PM पर मोदी कैपिटॉल हिल पहुंचे।

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ऑटोग्राफ के लिए होड़:ModiInUs


स्पीच में गांधी और लूथर का जिक्र

  • मोदी ने कहा, गांधी के अहिंसक आंदोलन ने मार्टिन लूथर किंग को प्रेरित किया।
  • हमारी आजादी भी आपकी आजादी की लड़ाई से प्रेरित थी।
  • इसीलिए अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि भारत और अमेरिका स्वाभाविक सहयोगी हैं।

इंडियन-अमेरिकन्स में मोदी की स्पीच को लेकर बना रहा उत्साह

  • पॉल ने हाल ही में इंडो-यूएस रिलेशन्स को दुनिया के अहम इलाके का मजबूत पिलर बताया था। मोदी दोनों देशों के बीच बेहतर रिश्तों पर अपनी स्पीच दी।
  • मोदी को सुनने के लिए कई इंडियन-अमेरिकन्स ने हाउस चैम्बर की विजिटर गैलरी के लिए रजिस्ट्रेशन भी करवाया था।
  • हालांकि, लिमिटेड सिटिंग कैपिसिटी होने के कारण बड़ी संख्या में लोगों को टिकट नहीं मिल पाए।
  • कांग्रेस सोर्सेज ने बताया कि विजिटर्स के लिए टिकट कम न पड़ें, इसलिए सांसदों को भी सिर्फ एक-एक टिकट ही दिए गए थे।
  • टिकटों की भारी मांग के कारण इंडियन-अमेरिकन्स के लिए बड़ा टेंट लगाने पर भी विचार चल रहा था। लेकिन प्रोटोकॉल के कारण ऐसा नहीं किया जा सका।
  • सी-स्पैन केबल नेटवर्क और सैटेलाइट चैनल्स पर स्पीच का लाइव टेलिकास्ट किया गया।

Source From : bhaskar.com

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